नमस्ते 👋 मैं शिवांश हूँ, सहारनपुर से। मैं यह ब्लॉग किसी मोटिवेशनल स्पीकर या गुरु की तरह नहीं लिख रहा हूँ, बल्कि एक आम इंसान की तरह लिख रहा हूँ जिसने सच में अपना साल खो दिया। 2025 मेरा कमबैक साल होना था। मेरे पास प्लान थे, एनर्जी थी और आत्मविश्वास भी था। लेकिन सच कहूँ तो कुछ भी वैसा नहीं हुआ जैसा मैंने सोचा था।
मेरी सबसे बड़ी गलती थी ज़्यादा सोचना और बहुत कम करना। मैं हर चीज़ को परफेक्ट बनाने में लगा रहा — परफेक्ट वेबसाइट, परफेक्ट टाइमिंग, परफेक्ट आइडिया। आखिरकार परफेक्शन ने मेरी एक्शन लेने की ताकत ही खत्म कर दी। दिन गुजरते गए, महीने निकल गए और अचानक पूरा साल खत्म हो गया।
वह गलती जिसने मुझे सबसे ज़्यादा चोट पहुँचाई
मैंने लोगों पर आँख बंद करके भरोसा किया। मैंने उन लोगों की सलाह सुनी जो खुद अपनी ज़िंदगी को लेकर गंभीर नहीं थे। अपनी अंतरात्मा की सुनने के बजाय मैंने शोर की सुनी। इससे मेरा फोकस, समय और आत्मविश्वास — सब बर्बाद हो गया।
एक और बड़ी गलती थी अपनी मानसिक सेहत को नज़रअंदाज़ करना। मैं हमेशा कहता रहा, “कल सब ठीक कर लूँगा।” लेकिन वह कल कभी आया ही नहीं। जब दिमाग थक जाता है, तो छोटा सा काम भी बहुत भारी लगने लगता है।
2025 ने मुझे क्या सिखाया
- आपको बचाने कोई नहीं आने वाला
- रोज़ का छोटा काम, बड़े झूठे प्लान से बेहतर होता है
- आपका सर्कल आपका भविष्य तय करता है
- चुपचाप हारना, खुलकर कोशिश करने से ज़्यादा दर्द देता है
मैंने 2025 पूरी तरह नहीं खोया। मैंने अपना अहंकार, झूठा आत्मविश्वास और गलत उम्मीदें खोईं। शायद असली ग्रोथ से पहले मुझे यही सबक सीखने की ज़रूरत थी।
अगर आप यह पढ़ रहे हैं और खुद को खोया हुआ महसूस कर रहे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। मैं अभी भी खड़ा हूँ, अभी भी कोशिश कर रहा हूँ। और अगर मैं फिर से शुरू कर सकता हूँ, तो आप भी कर सकते हैं।
